समूह ऋण योजना
राष्ट्रीय पिछड़ावर्ग वित्त एवं विकास निगम
(भारत सरकारका उपक्रम, सामाजिक न्यायऔर अधिकारिता मंत्रालय)
समूह ऋण योजना
उद्देश्य :
इस योजना के अंतर्गत, नामित चैनल पार्टनर (राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों/बैंकों) के माध्यम से लक्षित समूह को ऋण सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्व-सहायता समूहों (एस.एच.जी.) को ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
स्व-सहायतासमूह (एस.एच.जी.) :
स्व-सहायता समूह (एस.एच.जी.) लोगों का एक छोटा, आर्थिक रूप से समरूप और आत्मीय समूह है, जो बचत करने के लिए स्वेच्छा से गठित किया जाता है और समूह के निर्णय के अनुसार अपने सदस्यों को उधार देने के लिए एक सामान्य कोष में योगदान करने हेतु पारस्परिक रूप से सहमत होता है।
पात्रता :
• केंद्र/राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित पिछड़े वर्गों के सदस्य।
• आवेदक की वार्षिक पारिवारिक आय रू. 3.00 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
•स्व-सहायता समूह में कम से कम 60% सदस्य पिछड़े वर्गों से संबंधित होने चाहिए, बशर्ते अन्य सदस्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अल्पसंख्यक और विकलांग व्यक्ति (PwD) सहित कमजोर वर्गों (सरकार द्वारा निर्धारित आय या आर्थिक मानदंडों के अनुसार) से संबंधित हों।
योजना की विशेषताएं :
1. | प्रति एस.एच.जी. अधिकतम ऋण सीमा | रू. 15.00 लाख |
2. | प्रति लाभार्थी अधिकतम ऋण सीमा | रू. 1.25 लाख |
3. | एक एस.एच.जी. में सदस्यों की अधिकतम सीमा | 20 |
क्रियान्वयन :
इस योजना का क्रियान्वयन चैनल पार्टनर्स और एन.बी.एफ.सी.-एम.एफ.आई. या इसी प्रकार के वित्तीय संस्थानों द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा।
वित्तीयप्रणाली :
1. | NBCFDC ऋण | 90% |
2. | चैनल पार्टनर/एन.बी.एफ.सी.-एम.एफ.आई. अथवा एफ.आई.एस./ | 10% |
लाभार्थी अंशदान :
ब्याज दरएवं पुनर्भुगतानअवधि :
विवरण | NBCFDC से चैनल पार्टनर को | चैनल पार्टनर से लाभार्थी को | पुनभुगतान अवधि |
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I. एस.सी.ए. अथवा बैंक को | 3% वार्षिक | 6% वार्षिक | 3 वर्ष |
II. एन.बी.एफ.सी.-एम.एफ.आई. अथवा समान वित्तीय संस्थानों को | 6% वार्षिक | 16% वार्षिक |
टिप्पणी: समय पर भुगतान में छूट 1% की दर से वार्षिक आधार पर चैनल पार्टनर व लाभार्थियों के बीच समान रूप से विनियोजित की जाती है।